dait kharaab hogee to esid bhee badhega | खानपान बिगड़ेगा तो एसिड भी बढ़ेगा

 खानपान बिगड़ेगा तो एसिड भी बढ़ेगा


यूरिकएसिड खून में पाया जाने वाला एक रसागन है। इसकी कुछ मात्रा शरीर के अंदर कई प्रक्रियाओं के दौरान बनती है, जबकि कुछ मात्रा भोजन में पाए जाने वाला प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनती है। शरीर में बनने वाला अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाता है और जो बच जाता है वह गुर्दे के माध्यम से बाहर निकलता है। पहले से शरीर में मौजद यूरिक एसिड की मात्रा 3.5 से 7.2 मिली ग्राम प्रति डेसीलीटर तक हो सकती है। अगर शरीर में इसकी मात्रा इससे अधिक बढ़ जाती है तो इसे हाई यूरिक एसिड माना जाता है, जिससे शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती हैं।


ये है यूरिक एसिड बढ़ने की वजह


  • ख़राब खान-पान यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण है। कई बार यह समस्या आनुवंशिक भी होती है, मतलब अगर माता पिता को यूरिक एसिड की समस्या है तो उनके बच्चों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • रेड मीट, समुद्री फूड, दाल, राजमा, पनीर, मशरूम, टमाटर, भिंडी, बीन्स, बियर और चावल आदि के अधिक सेवन से यूरिक एसिड में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की
  • मात्रा अधिक होती है। • ज्यादा देर भूखे रहने से भी यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है।
  • मधुमेह के मरीजों में इस परेशानी की संभावना ज्यादा होती है। ब्लड प्रेशर की गोलियां, कैंसर उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं और पेनकिलर्स के सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या हो सकती है।


लक्षण से जानें यूरिक एसिड बढ़ा है या नहीं

जोड़ों में असहनीय दर्द और सूजन हो सकती है। जोड़ों को


छूने पर दर्द का अहसास होगा। • हाथों और पैरों में दर्द की समस्या होने लगती है जिसके परिणाम स्वरूप कई बार इनमें सूजन भी आ जाती है। पैरों को हिलाने में भी समस्या होती है। एड़ी में असहनीय दर्द होता है। हाथों और पैरों की उंगलियों में सूजन और दर्द होने लगता है।


• कई बार हाथ की मुट्ठी बंद करने पर दर्द होता है। हाथ की उंगलियों में भी दर्द शुरू हो जाता है। इनके जोड़ छूने पर भी पीड़ा का अहसास होता है।


• लगातार पैर मोड़ने या उठने-बैठने के दौरान दर्द होता है। दवा लेने पर भी आराम नहीं मिलता।


स्टोन बनने की समस्या होना भी लक्षण में शामिल है। बार-बार पेशाब आना भी लक्षण है। • पीठ में गंभीर दर्द और उठने-बैठने में समस्या हो सकती है।


खानपान पर दें ध्यान


शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा जानने के लिए टेस्ट कराएं। अगर यूरिक एसिड बढ़ने के संकेत हैं, तो ध्यान रखें


प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे तला भुना व जंक फूड, नमकीन, रेड मीट, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बाबंद फल, आइसक्रीम, सी फूड, पालक, टमाटर, भिंडी, मटर, फूलगोभी, बीन्स, मशरूम, सेम जैसी फलियां, बियर और अन्य मादक पेय, खमीर से बने खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड आदि उत्पाद के अधिक सेवन से बचें। फाइबर युक्त फल और सब्जियां अधिक मात्रा में लें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीये। 

और भी हो सकती हैं कई समस्याएं


यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनी के जरिए फिल्टर हो जाता है जो यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड बनने से किडनी फिल्टर नहीं कर पाती और खून में यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा हो जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा होने लगता है और गाउट (गठिया का जटिल रूप) की समस्या पैदा हो जाती है। मोटापा, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और डायबिटीज जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।


जांच भी ज़रूरी है


शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का पता करने के लिए ब्लडटेस्ट और यूरिन टेस्ट किया जाता है। जांच के बाद मरीज की स्थिति के अनुसार चिकित्सक द्वारा इलाज किया जाता है। यदि पहले से कोई बीमारी है तो उसके अनुसार इलाज का तरीका भी अलग होता है।



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